यह पल है जिंदगी के कब कैसे बीत जाए कोई नहीं सोच सकता है। यह पल है जिंदगी के कब कैसे बीत जाए कोई नहीं सोच सकता है।
एक लड़की थी माहिर हर चीज घुमाने में, शोहरत हासिल थी उसको इसमें! एक लड़की थी माहिर हर चीज घुमाने में, शोहरत हासिल थी उसको इसमें!
पैसे के पीछे भागे क्योंं इंसान पैसे के पीछे भागे क्यों। पैसे के पीछे भागे क्योंं इंसान पैसे के पीछे भागे क्यों।
लेखक का परिचय सच मानो तो..., अंत पड़ाव तक शायद अधूरा होता है ! लेखक का परिचय सच मानो तो..., अंत पड़ाव तक शायद अधूरा होता है !